Sheikhpura News : जल-जीवन-हरियाली दिवस पर ऊर्जा संरक्षण का संकल्प, जनभागीदारी पर हुई परिचर्चा

मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला समाहरणालय के मंथन सभागार में डीडीसी संजय कुमार की उपस्थिति में जल-जीवन-हरियाली दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। ज्ञातव्य हो कि प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली दिवस इस कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न विभागों द्वारा इसका आयोजन किया जाता है।
मार्च माह के प्रथम मंगलवार को इसका आयोजन ऊर्जा विभाग, बिहार सरकार, पटना के द्वारा किया गया। राज्य स्तर पर इसका आगाज आज मंगलवार को पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में किया गया। जिसमें मुख्य रूप से जल-जीवन-हरियाली अभियान में जनभागीदारी पर परिचर्चा हुई। वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए इस जिला के तमाम पदाधिकारी भी उपस्थित हुए। इस अवसर पर ऊर्जा विभाग के द्वारा जल जीवन हरियाली अभियान में किस तरह से योगदान दी जा रही है, उस पर चर्चा की गई। मंथन सभागार में चर्चा करते हुए विद्युत प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता द्वारा विभिन्न उपायों की चर्चा करते हुए बताया गया कि आज उन्नत होते तकनीक के मदद से ऐसे कई विद्युत अप्लायंसेज है, जो कम ऊर्जा की खपत करके अच्छी रोशनी दे रहे हैं, जिससे कि ऊर्जा की काफी बचत हो रही है।
इसके साथ ही सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया जा रहे हैं। आजकल लोग बढ़ चढ़कर अपने घरों में भी सौर ऊर्जा के लिए सोलर लाइट लगवा रहे है। सरकार के द्वारा भी लोगों को प्रोत्साहन करने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा के लिए अच्छी सब्सिडी दी जा रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपनाए। सरकारी संस्थानों पर भी सौर ऊर्जा अधिष्ठापित की जा रही है। मुख्यमंत्री ग्राम सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे आज बिहार में न केवल शहर बल्कि गांव भी रात के अंधेरे में चकाचक दिखाई पड़ रहे है। इसके अतिरिक्त ऊर्जा विभाग के द्वारा लोगों के बीच ऊर्जा बचत एवं नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने के लिए विभिन्न माध्यमों से यथा नुक्कड़ नाटक, फ्लैक्स का अधिष्ठान, हैंड आउट का वितरण, प्रचार गाड़ी से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म इत्यादि के द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
स्मार्ट मीटर के माध्यम से ऊर्जा खपत को देखकर संरक्षण कर रहे उपभोक्ता
स्मार्ट मीटर के माध्यम से आज लोग घर पर ही उनके द्वारा ऊर्जा खपत को देखकर ऊर्जा संरक्षण के लिए ऐतियहती कदम उठा सकते है। ऊर्जा विभाग के द्वारा भी निरंतर अपने ऊर्जा ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन के लिए आधारभूत संरचनाएं को ठीक किया जा रहा है, ताकि ऊर्जा ट्रांसमिशन के दौरान ऊर्जा को होने वाली हानि को कम किया जा सके। इससे न केवल ऊर्जा उत्पादन में होने वाले कार्बन उत्सर्जन में कटौती होगी, बल्कि हमारा राज्य के साथ देश भी ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा।
जलवायु परिवर्तन के इस दौर में निश्चय ही हमारा लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आगे भी उनके कार्यालय के द्वारा इस तरह के कार्य निरंतर किए जाते रहेंगे। इस अवसर पर विद्युत प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता के द्वारा इस अभियान से जुड़े विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।