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तानाशाह डीईओ पर गिरी गाज, शिक्षा मंत्री ने दिए कार्रवाई का निर्देश 

नियमों को दरकिनार कर दो शिक्षकों के निलंबन का मामला जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) विनोद शर्मा के गले की फांस बन गया है। पीड़ित शिक्षकों के शिकायत पर विधायक विजय सम्राट ने शिक्षा मंत्री से सवाल किया। जांच में आरोप सही पाए गए। अपने जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी विनोद शर्मा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई पर सरकार विचार कर रही है।

बरबीघा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय खोजागाछी में नियमों को दरकिनार कर दो शिक्षकों के निलंबन का मामला जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) विनोद शर्मा के गले की फांस बन गया है। विद्यालय में तीन शिक्षक कार्यरत हैं— वरीय शिक्षिका सोनी रानी, कनीय शिक्षिका सुनीता कुमारी और शिक्षक परमानंद पाठक।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पत्रांक 1161, दिनांक 23 अगस्त 2024 के आदेश में मौखिक रूप से विद्यालय का प्रभार नहीं लेने का आरोप लगाकर सुनीता कुमारी और परमानंद पाठक को निलंबित कर दिया था। उन पर UDISE पोर्टल पर एंट्री और छात्रों के आधार कार्ड निर्माण बाधित करने का भी आरोप लगाया गया था। जबकि नियमानुसार निलंबन का अधिकार केवल नियोजन इकाई को है।

पीड़ित शिक्षकों ने विधायक विजय सम्राट से न्याय की गुहार लगाई थी। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी की मनमानी रोकने के लिए विभागीय कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद विधायक विजय सम्राट ने तारांकित पत्र संख्या 17/14/576 के माध्यम से शिक्षा मंत्री से सवाल किया। जांच में आरोप सही पाए गए।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि ज्ञापांक 280, दिनांक 21 फरवरी 2025 के तहत दोनों शिक्षकों का निलंबन रद्द कर दिया गया है। साथ ही स्पष्ट किया कि बिहार पंचायत/नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली 2020 के अनुसार निलंबन का अधिकार केवल नियोजन इकाई को है।

शिक्षा मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी विनोद शर्मा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई पर सरकार विचार कर रही है। इसकी प्रतिलिपि विधायक और निदेशक प्रशासन सह अपर सचिव, शिक्षा विभाग को भेज दी गई है। लगातार गलत फैसलों के कारण जिला शिक्षा पदाधिकारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

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