शादी में फिजूलखर्ची रोकें, बच्चों को जरूर पढ़ाएं: फैजानुल होदा
पिंड शरीफ के पांचवें गद्दीनसी सैयद शाह फैजानुल होदा ने कहा कि इस बार आए जायरीनों को शादी-विवाह में बेफिज़ूल खर्च को कम करने, दहेज़ का लेन-देन बंद करने, शादी-विवाह में डीजे-पटाखे व फ़िज़ूलखर्च पर रोक लगाने, बरातियों के तादाद को कम करने, आधी रोटी खाइए, लेकिन बच्चों को जरूर पढ़ाइये, देश-दुनिया की भी जानकारी दें ताकि उसे कोई बेवकूफ नहीं बना सकें आदि का पैजाम दिया गया है।

सदर प्रखंड के पिंड शरीफ में आयोजित 122वां तीन दिवसीय उर्स मेला गुरुवार से शुरू हुआ है, जिसका रंगारंग समापन शनिवार को होगा। यह मेला शाकिरीया, कमरी, अहसानी और रिजवानुल होदा की याद में हर साल आयोजित होता है। इसमें बिहार, बंगाल, झारखंड, कोलकाता और ओडिशा से सैकड़ों जायरीन पहुंचते हैं। लोग मजार पर चादरपोशी कर मन्नतें मांगते है।
पिंड शरीफ के पांचवें गद्दीनसी सैयद शाह फैजानुल होदा ने बताया कि इस बार उर्स में बिहार, झारखंड, बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, केरल सहित कई राज्यों से बड़ी संख्या में जायरीन शामिल हुए। मुस्लिम समुदाय की कई बड़ी हस्तियां भी कार्यक्रम में मौजूद रहीं।
मेले के पहले दिन नात खानी, मिलादुन, तकरीर और चादरपोशी हुई। दूसरे दिन नात खानी, तकरीर, उलमाईकराय, खोरमा और छोहाड़ा लुटाने की परंपरा निभाई गई। अंतिम दिन खानकाह में लंगरखानी होगी। मजार पर दुआएं अदा की गईं।
फैजानुल होदा ने जायरीनों को शादी-विवाह में फिजूलखर्ची कम करने, दहेज का लेन-देन बंद करने, डीजे और पटाखों पर रोक लगाने, बारातियों की संख्या घटाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा, “आधी रोटी खाइए, लेकिन बच्चों को जरूर पढ़ाइए। उन्हें देश-दुनिया की जानकारी दें, ताकि कोई उन्हें बेवकूफ न बना सके।”
गौरतलब है कि इस उर्स मेले में मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ हिंदू समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। मेला में हजारों की भीड़ उमड़ी। चाट, समोसा, मिठाई, खिलौने और श्रृंगार की सैकड़ों दुकानें सजी थीं। स्थानीय लोगों के साथ प्रदेश भर से आए जायरीन ने मजार पर चादर चढ़ाकर मन्नतें मांगीं।