
शहर के गिरिहिंडा पहाड़ पर अवस्थित बाबा कामेश्वरनाथ मंदिर से विवाह रचाने को लेकर देवो के देव महादेव की बारात निकली। बड़ी संख्या में भूत-वैताल एवं बाराती बैंड बाजे के धून पर थिरकते हुए पूरे नगर का भ्रमण किया। इस दौरान जगह-जगह पर लोगों ने भोले बाबा की आरती उतारी और पुष्प की वर्षा की। इस दौरान पूरा जिला शिवमय दिखा।
शिव मंदिर से निकली बारात शहर के गिरिहिंडा चौक, जखराज स्थान, इन्दाय, रेलवे स्टेशन, दल्लु चौक, कटरा चौक, चांदनी चौक, बुधौली होते हुए गिरिहिंडा पहाड़ स्थित शिव मंदिर पहुंचा। इस दौरान नाचते गाते जयकारे लगाते दिखे। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में महिलाएं बारात की स्वागत के लिए तैयारी कर रखी थी। भगवान भोले शंकर का आरती उतारी और देर रात्रि मंदिर परिसर में विधिवत तरीके से शंकर पार्वती की शादी रचायी गई।

इस दरम्यान लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। क्या बूढ़े, बच्चे और जवान सभी शिव भक्ति में जयकारे लगाते झूमते दिख रहे थे। वहीं, बंगाली के पीडिया पर से निकली बारात में भोले बाबा भी चल रहे थे। साथ ही साथ पालकी में शिवलिंग को श्रद्धालु लिए चल रहे थे। जुलूस के आगे भगवान की सवारी बसहा बैल, भूत-प्रेत के संग चल रहे थे। भगवान की बाराती को देखने के लिए मानो पुरा शहर हीं सड़क के दोनों ओर उमड़ पड़ रहा था।
शहर के विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना को लेकर उमड़ी भीड़
महाशिवरात्रि का त्यौहार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हर्षोल्लास और पूरे भक्ति भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न मंदिरों, ठाकुरबाड़ियों, देवालयों और शिवालयों को भव्य रूप से सजाया गया था। वहीं, शहर के ऐतिहासिक 150 फ़ीट ऊचे गिरिहिंडा पहाड़ पर अवस्थित बाबा कामेश्वरनाथ मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ा रहा। इस इस दौरान श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की।

सुबह से ही लोगों की भीड़ इस कदर उमड़ी थी कि किसी प्रकार श्रद्धालु मंदिर में मुश्किल से पहुंचकर पूजा-अर्चना कर पा रहे थे। जबकि बरबीघा प्रखंड क्षेत्र के कुसेढ़ी गांव के प्रसिद्ध पंचबदन मंदिर में स्थापित पंचमुखी भोलेबाबा पर हजारों शिव भक्तों ने पहुंचकर पूजा-अर्चना किया। यह प्राचीन शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। जिसकी ख्याति पड़ोसी जिलों तक फैली है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में भी लोगों के बीच महाशिवरात्रि को लेकर विशेष उत्साह देखा गया। गांव के मंदिरों में महाशिवरात्रि पर उपवास रखने वाली महिलाएं व युवतियां पहुंची।
मंदिरों में भगवान शिव के भजनों पर शिव भक्त नृत्य करते हुए नजर आए। भक्तों ने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर अक्षत, चंदन, पुष्प, बेलपत्र, दूध, शहद तथा गंगाजल चढ़ाकर पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान भोलेनाथ का पूजा अर्चना कर अपने परिवारों के लिए खुशी का वरदान मांगा। इसके साथ ही जिले के शिव मंदिरों में घंटियों की ध्वनि लगातार प्रवाहित हो रही थी एवं शंख फूंके जा रहे थे। शहरी क्षेत्र के सुकन साव तालाब, डोमू साव तालाब, बंगाली पर, पीडिया पर, खांड पर, माहुरी टोला, तीनमुहानी के अलावे विभिन्न स्थानों के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। महिला श्रद्धालुओं की खासा भीड़ इन मंदिरों में थी।

गाय की दूध से श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
महाशिवरात्रि के अवसर हिंदू धर्मावलंबियों ने सर्वप्रथम अपने घर की साफ-सफाई कर तदुपरांत स्नान ध्यान कर फूल-प्रसाद व भोलेनाथ के खास चढ़ावा बेलपत्र, भांग, धतूरे के पौधे एकत्रित कर मंदिर की ओर रवाना हो गए। यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहा, महिलाएं अपने पति की दीर्घायु व कुंवारी कन्या सुंदर वर के लिए कामना करते हुए भगवान शिव व माता पार्वती का पूजा अर्चना किया। मंदिरों में शिवलिंग पर बेलपत्र, गाय का दूध, गुड़, फल सहित भांग व धतूरा के पौधे व उसके फूल को शिवलिंग पर चढ़ाया। इस त्यौहार में अधिकांश: महिला श्रद्धालु उपवास रखती हैं। इसमें कई पुरुष श्रद्धालु भी उपवास रख कर भगवान शिव की आराधना करते हैं।

शिवालयों में लगा रहा भक्तों की तांता
जिले के विभिन्न प्रखंडों में महाशिवरात्रि के मौके पर एक तरफ जहां जलाभिषेक को लेकर भक्तों का सैलाब उमड़ा रहा। वहीं, दूसरी ओर हर हर महादेव के उद्घोष से पूरा इलाका भक्ति रहा।
सभी जगह महाशिवरात्रि के मौके पर ग्रामीणों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से शिवालय को दुल्हन की तरह सजाया गया। वहीं, कई जगह पर शिव-पार्वती के विवाह को लेकर बारात भी निकाली गई। कई जगहों पर महाशिवरात्रि को लेकर रामधुनी का भी कार्यक्रम आयोजित किया गया तो कहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
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