बरबीघा विधानसभा क्षेत्र में इस बार का चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प होता जा रहा है। जैसे-जैसे मतदान की तारीख करीब आ रही है, वैसे-वैसे प्रत्याशियों की बेचैनी और प्रचार की रफ्तार दोनों बढ़ गई हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए उम्मीदवार हर रणनीति अपना रहे हैं।
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इसी बीच बरबीघा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे पूर्व विधायक सतीश कुमार ने पूरे क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। सतीश कुमार का खासा जनाधार पिछड़ी, अति पिछड़ी जातियों, दलितों और महादलितों के बीच देखा जा रहा है। यही कारण है कि वे खुद को इस चुनाव में एक मजबूत दावेदार के रूप में पेश कर रहे हैं।
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सतीश कुमार के चुनावी दौरे के दौरान जहां पुराने समर्थक उन्हें गले लगाकर स्वागत कर रहे हैं, वहीं नए युवा मतदाता भी अपने परिवार के साथ उनका अभिवादन करते दिख रहे हैं। क्षेत्र में सतीश कुमार का प्रभाव और संगठनात्मक पकड़ उन्हें अन्य उम्मीदवारों के मुकाबले बढ़त दे रही है।
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हालांकि वे इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं, लेकिन उन्हें जन चेतना पार्टी का अप्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है। पार्टी के संरक्षक निशिकांत सिंहा ने कहा है कि, “इस बार बिहार में पिछड़ों, वंचितों और अल्पसंख्यकों की सरकार बनने जा रही है, जिसमें हमारी पार्टी की भूमिका अहम होगी।”
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स्थानीय जानकारों के मुताबिक, बरबीघा में सतीश कुमार की एंट्री ने चुनावी परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उनकी यह पहलवानी आखिरकार विधानसभा तक पहुंचने में कामयाब होती है या नहीं।







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