बिहार विधानसभा चुनाव में बरबीघा 170 विधानसभा सीट सियासत का केंद्र बन चुकी है। कई दिग्गज नेताओं के मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है। रोज़ाना नए राजनीतिक समीकरण बनते और बिगड़ते नजर आ रहे हैं।
महागठबंधन समर्थित कांग्रेस प्रत्याशी त्रिशूलधारी सिंह, जो नगर परिषद और पंचायत चुनावों में “किंग मेकर” के रूप में जाने जाते हैं, इस बार पूरे दमखम से मैदान में हैं। वहीं एनडीए प्रत्याशी डॉ. कुमार पुष्पांजय के अचानक मैदान में आने से राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। दो बार के पूर्व विधायक सुदर्शन कुमार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं, जबकि जनसुराज पार्टी ने कैप्टन मुकेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है। यादव समाज से संजय प्रभात भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
इसी बीच, कुर्मी चेतना महारैली के सूत्रधार और दो बार के विधायक सतीश कुमार ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरकर पूरे समीकरण को बदल दिया है। सतीश कुमार का जनाधार न केवल लव-कुश समाज में मजबूत है, बल्कि पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित और महादलित वर्गों में भी उनकी पकड़ गहरी मानी जाती है। यही कारण है कि वे अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रहे हैं।
Bihar : कुर्मी चेतना महारैली के सतीश कुमार फिर मैदान में, बरबीघा से निर्दलीय बन सकते हैं ‘गेम चेंजर’
भारतीय लोक चेतना पार्टी के संरक्षक निशिकांत सिन्हा ने कहा —2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में हमारा नारा है — अबकी बार, वंचितों की सरकार। हम बिहार के अति पिछड़ा, पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग को उनका राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सामाजिक-आर्थिक न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि यह चुनाव बिहार की राजनीति में नया सवेरा लाने वाला है —अब सत्ता उन्हीं के हाथ में होगी जिनके पास हक़ और अधिकार है। यह मंच 90% बिहारियों की आवाज़ है, जिन्हें सदियों से सत्ता से दूर रखा गया।
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बरबीघा की सियासत में इस बार का चुनाव न केवल रोचक बल्कि निर्धारणकारी साबित हो सकता है — और इसके केंद्र में हैं सतीश कुमार, जिनकी सक्रियता से पूरा चुनावी माहौल गर्म हो गया है।






