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Sheikhpura News : घोंघा चुनने से लेकर राष्ट्रपति पदक प्राप्त करने वाले सौरभ की जानें कहानी

मूलत: ग्रामीण परिवेश और गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाला सौरभ कुमार रातों रात चर्चा में आ गया है। उसके चर्चा में आने की कहानी उनकी वीरता की है। जिसने अपने अदम साहस से शेखपुरा और बिहार का नाम गौरवान्वित किया है। सौरभ को भारत सरकार के द्वारा वीर बाल पुरस्कार योजना के तहत राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू के द्वारा नई दिल्ली में सम्मानित किया गया है। 

दरअसल सौरभ का परिवार एक गरीब किसान है और थोड़ी बहुत जमीन और पशुपालन ही उसकी जीविका का आधार है। सौरभ गरीबी की वजह से गांव के सरकारी स्कूल में नामांकित तो है, लेकिन वह ज्यादा वक्त परिवार के पशुपालन में ही बिताता है। अगस्त महीने के 8 तारीख को सौरभ रोज़ की भांति अपने भैस की पीठ पर चढ़कर चराने पास के बधार में गया था, जहां जेसीबी मशीन से सड़क निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे में पानी जमे रहने की वजह से गांव की कुछ लड़कियां घोंघा चुनने गई थी, कोतुहलतावश सौरभ भी अपने भैस को खेत मे छोड़कर उस गड्ढे के पास घोंघा चुन रही लड़कियों के साथ घोंघा चुनने लगा। इसी बीच पिसलकर एक-एक करके 4 लड़कियां उक्त गड्ढे में जा गिरी, गड्ढा काफी गहरा था और उन लड़कियों को तैरना नहीं आता था। इस दौरान सौरभ लड़कियों को डूबते देखा, पहले तो मदद के लिए चिल्लाया, लेकिन आसपास कोई दिखाई नही पड़ा तो वह पानी से लबालब उस गड्ढे में खुद छलांग लगा दी और वह एक-एक कर तीनों लड़कियों का बाल खींचकर किनारे लगाकर जान बचा दी, लेकिन देर हो जाने की वजह से वह एक लड़की की जान नही बचा सका। 

डूबने से बची लड़कियों ने बताई सौरभ ने बचाई जान, गांववालों को हुआ विश्वास 

सौरभ कि जब यह कहानी गांव वाले को पता चला तो पहले किसी को विश्वास नही हुआ कि 10 वर्ष का बालक सौरभ को तैरना भी आता है और वह लड़कियों का जान बचाया होगा। लेकिन जब डूबने से बचाई गयी लड़कियों ने स्वीकार किया कि बालक सौरभ ने उसकी जान बचाई है तब सभी को आश्चर्य होने लगा और खुशी भी हुआ। सौरभ की यह कहानी स्थानीय मीडिया में भी आई और जानकारी मिलते ही बाल संरक्षण इकाई ने बालक सौरभ को अपने कार्यालय में बुलाकर उसे सम्मानित किया तथा राष्ट्रीय वीर बाल पुरस्कार के लिए उसके नाम की अनुशंसा की तथा जिलाधिकारी से लेकर विभाग तक पत्राचार किया। 

बाल संरक्षण इकाई ने एक्स्ट्रा ट्यूशन दिलाने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखा था पत्र

एक जौहरी की तरह हीरे को तराशते बाल संरक्षण इकाई ने बालक के वीरता की परख की तथा जिलाधिकारी से उसे 15 अगस्त के अवसर पर सम्मानित करने हेतु अनुशंसा भी किया। तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ.जे.प्रियदर्शनी के द्वारा सौरभ को सम्मानित करते हुए तैराकी सिखाने का निर्देश दिया गया। सौरभ शेखपुरा जिले के शेखपुरसराय प्रखंड अंतर्गत बेलाव पंचायत के किशनपुर गांव पिंटू राउत के 10 वर्षीय पुत्र है और वह तीसरी कक्षा का छात्र है, जो पढ़ाई में काफी कमजोर है। लिहाजा बाल संरक्षण इकाई के द्वारा सौरभ की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने हेतु एक्स्ट्रा ट्यूशन दिलाने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भी लिखा गया। आज तमाम सरकारी विभागों का प्रयास का प्रतिफल रहा कि बालक सौरभ को राष्ट्रीय वीर बाल पुरस्कार योजना के लिए चयनित किया तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति के समक्ष जब सौरभ के साथ शेखपुरा जिला का नाम लिया गया तब जिले का नाम पूरे देश के पटल पर छा गया।

सौरभ को कई स्कूलों से मिल रहा है निशुल्क पढ़ाई का ऑफर 
जिला बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास कहते हैं कि सौरभ को जो पुरस्कार मिला है उसका वह हकदार है और कम उम्र में उसने जो साहस दिखाई है वह काबिले तारीफ है। उसने जिले का नाम रौशन किया है। बालक होनहार है और जरूरत है उस हीरे को तराशने की। उन्होंने कहा कि कई प्रतिष्ठित स्कूलों द्वारा बालक को 12 वीं तक निःशुल्क पढ़ाई का ऑफर मिल रहा है। सौरभ के परिवार को तय करना है कि वह किस स्कूल में अपने बच्चे को देना चाहते है।

सौरभ को मिला पुरस्कार जिला प्रशासन तथा जिलेवासियों के लिए गर्व की बात 
जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक श्वेता कौर कहती हैं कि सौरभ को मिला यह पुरस्कार जिला प्रशासन के लिए तथा जिलेवासियों के लिए गर्व की बात है। जिला बाल संरक्षण इकाई ऐसे बालकों की संरक्षण के लिए हमेशा तत्पर है।

विधायक ने कहा : पढ़ाई के लिए गरीबी नहीं आएगी आगे 
इधर, सामाजिक सरोकार से ताल्लुकात रखने वालर शेखपुरा के विधायक विजय सम्राट ने कहा कि वीर बालक सौरभ के पढ़ाई में उसके परिवार की गरीबी आगे नही आएगी उन्हें हरसंभव मदद दिया जाएगा। उसने शेखपुरा के नाम में चार चांद लगाया है। शेखपुरा पहुंचते ही वह स्वयं भी सौरभ से मुलाकात करेंगे।

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