ग्रामीण योजनाओं की समीक्षा बैठक, लंबित मामलों पर सख्ती के निर्देश
शनिवार को समाहरणालय स्थित मंथन सभागार में ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक हुई।घाटकुसुम्भा प्रखंड के पीओ और पानापुर के पीआरएस की बैठक में अनुपस्थिति पर डीआरडीए निदेशक शेखपुरा को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।

शनिवार को समाहरणालय स्थित मंथन सभागार में ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त संजय कुमार ने की। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना, इंदिरा आवास योजना, जॉब कार्ड सत्यापन, आधार अच्छादन, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान और रोजगार मांग सृजन के तहत उपलब्धियों की समीक्षा की। लंबित आवेदनों को जल्द निपटाने का निर्देश दिया गया।
उन्होंने आईसीडीएस कार्यालय से समन्वय कर आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण और पंचायतों में खेल मैदान के कार्यों में तेजी लाने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में गुणवत्ता जरूरी है। गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत अमृत सरोवर योजना को बढ़ावा देने पर बल दिया गया। सोख्ता निर्माण, तालाब, आहर और पइन के जीर्णोद्धार पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। उन्होंने कहा कि जिले में पेयजल की समस्या गंभीर है। इसके समाधान के लिए जल संरक्षण जरूरी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मेला और हाट बाजार के लिए भूमि चिन्हित करने का निर्देश भी दिया गया। उप विकास आयुक्त ने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ योग्य लाभुकों तक पहुंचे, इसके लिए हर संभव प्रयास हो रहा है।
प्रखंड विकास पदाधिकारी को विशेषकर महादलित टोलों में 14 अप्रैल से शुरू होने वाले “भीम समग्र सेवा अभियान” के लिए जागरूकता अभियान चलाने और साप्ताहिक बैठक कर योजनाओं की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने को कहा गया।
उन्होंने सभी योजनाओं पर गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। लंबित योजनाओं की गहन समीक्षा कर उन्हें पूरा करने को कहा गया। लापरवाही पर संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
घाटकुसुम्भा प्रखंड के पीओ और पानापुर के पीआरएस की बैठक में अनुपस्थिति पर डीआरडीए निदेशक शेखपुरा को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में डीआरडीए निदेशक, जल-जीवन-हरियाली के नोडल पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, मनरेगा पीओ, बीसी, पर्यवेक्षक और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।