पति भ्रष्ट; पत्नी खुद को निर्दोष बताने में मस्त ; पढ़िए सीओ दम्पति की पूरी कहानी?
अंचल अधिकारी अंकु गुप्ता खुद को भले ही पाक-साफ बता रही हों, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अरियरी अंचल कार्यालय में कई दलाल सक्रिय हैं। ये दलाल अंचल कर्मियों से मिलकर जमीन की हेराफेरी करते हैं। मोटेशन और परिमार्जन के नाम पर मोटी रकम वसूल कर अंचलाधिकारी तक पहुंचाते हैं।

भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित अंचल अधिकारी प्रिंस राज की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब उनकी पत्नी और अरियरी की अंचल अधिकारी अंकु गुप्ता भी जांच के घेरे में हैं। निगरानी विभाग की छापेमारी में दोनों की संपत्ति और कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।
अंकु गुप्ता खुद को निर्दोष बताने में जुटी हैं। उन्होंने कहा कि उनके घर से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है। वह पति के खिलाफ चल रही जांच में सहयोग कर रही हैं। उनका दावा है कि वह कार्यालय में किसी तरह के भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं देतीं। आम जनता की समस्याओं के समाधान में सक्रिय रहती हैं।
आर्थिक अपराध शाखा की जांच में प्रिंस राज पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ है। उनके घर से करोड़ों की जमीन, प्रॉपर्टी और बैंक डिपॉजिट के कागजात मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रिंस राज ने अपने कार्यकाल में कई सरकारी प्लॉट निजी लोगों के नाम पर म्यूटेशन कर दिए। इसके बदले करोड़ों रुपये की रिश्वत ली।
इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी उम्र छिपाने के लिए नाम बदलकर दो बार मैट्रिक की परीक्षा दी। इस मामले की भी जांच चल रही है। अगर आरोप साबित होते हैं तो उनकी नौकरी जाना तय है। साथ ही अवैध संपत्ति को जब्त किया जाएगा।
अंकु गुप्ता खुद को भले ही पाक-साफ बता रही हों, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अरियरी अंचल कार्यालय में कई दलाल सक्रिय हैं। ये दलाल अंचल कर्मियों से मिलकर जमीन की हेराफेरी करते हैं। मोटेशन और परिमार्जन के नाम पर मोटी रकम वसूल कर अंचलाधिकारी तक पहुंचाते हैं।
नियम के अनुसार जमीन का डोंगल अंचलाधिकारी के पास होना चाहिए। लेकिन अंकु गुप्ता का डोंगल एक कर्मचारी के पास है, जो उसका गलत इस्तेमाल कर रहा है।
जानिए पूरा मामला ?
बुधवार 16 अप्रैल को भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने निलंबित अंचल अधिकारी प्रिंस राज के शेखपुरा और मधुबनी स्थित दो ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में SVU की टीम ने उनके घरों और संभावित निवेश स्थलों की दस्तावेजी और डिजिटल जांच की। जांच के दौरान टीम को कई ऐसे दस्तावेज और बैंक डिटेल्स मिले हैं, जो उनकी घोषित आय से 90% अधिक संपत्ति की ओर इशारा करते हैं। बता दें कि उनकी पत्नी अंकु राज भी सीओ है और वह शेखपुरा जिला के अरियरी प्रखंड में पदस्थापित है। वर्तमान में वह शेखपुरा शहर के राजोपुरम मोहल्ले में किराए की मकान में रहती है। जिसको लेकर शेखपुरा जिला में भी suv की कार्रवाई हुई है।
साथ ही बिहार पुलिस की विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि टीम ने भ्रष्टाचार के आरोप जिस अंचलाधिकारी प्रिंस के खिलाफ कार्रवाई की है, उसने नौकरी में आने से पहले बड़ा खेला किया था। आरोप हैं कि अंचलाधिकारी प्रिंस राज ने प्रिंस राज ने दो बार मैट्रिक की परीक्षा दी है। 2004 में धर्मेंद्र कुमार के नाम से और 2006 में प्रिंस राज के नाम से परीक्षा पास की है। दोनों सर्टिफिकेट एसवीयू ने जब्त कर लिए हैं। अब एसवीयू की टीम प्रिंस राज की सभी कुंडलियों को खंगालने में जुट गई है।
प्रिंस राज पहले से ही गड़बड़ियों के आरोपों में घिरे थे। राज्य सरकार ने कुछ सप्ताह पहले ही उन्हें निलंबित किया था। प्रारंभिक जांच में सामने आए लेन-देन और अघोषित संपत्तियों के आधार पर SVU ने कोर्ट से सर्च वारंट लिया और यह कार्रवाई की। छापेमारी में टीम को करोड़ों रुपये की अचल संपत्ति, संदिग्ध जमीन सौदों से जुड़े दस्तावेज, भारी नकदी और कई शेल कंपनियों की जानकारी मिली है। कुछ डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए हैं। इनका विश्लेषण विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है।