पराली जलाने से मित्रकीट और सूक्ष्म जीव भी हो जाते खत्म, डीएम ने किसानों को चेताया
पराली जलाने से खेतों में मौजूद सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं। इससे जमीन की उपजाऊ शक्ति खत्म हो जाती है। किसानों को पराली जलाने के बजाय उसका प्रबंधन करना चाहिए। पराली को पलवार विधि से खेतों में मिलाना चाहिए या वर्मी कंपोस्ट बनाने में उपयोग करना चाहिए। जो किसान पराली जलाएंगे, उन्हें कृषि विभाग की किसी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत अंतर-विभागीय कार्य समूह की बैठक जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में हुई। बैठक में सभी संबंधित विभागों के प्रमुख शामिल हुए। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि पराली जलाने से खेतों में मौजूद सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं। इससे जमीन की उपजाऊ शक्ति खत्म हो जाती है। किसानों को पराली जलाने के बजाय उसका प्रबंधन करना चाहिए। पराली को पलवार विधि से खेतों में मिलाना चाहिए या वर्मी कंपोस्ट बनाने में उपयोग करना चाहिए। जो किसान पराली जलाएंगे, उन्हें कृषि विभाग की किसी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
सिविल सर्जन ने कहा कि एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं के जरिए लोगों को पराली जलाने से होने वाली जलन और सांस की समस्या के बारे में जागरूक किया जाएगा। जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि किसानों को पराली को पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
जिला पदाधिकारी ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करें। जो किसान जानकारी मिलने के बाद भी पराली जलाते पकड़े जाएंगे, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।