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अवैध हथियार रखने पर बुलक को दो साल की सजा, 30 हज़ार जुर्माना भी लगा
अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी अभिनय कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को दोषी माना। सजा सुनाने के लिए उसे कड़ी सुरक्षा में मंडल कारा से कोर्ट लाया गया। फैसले के बाद उसे फिर जेल भेज दिया गया।

सिविल कोर्ट ने शनिवार को अवैध हथियार तस्करी के मामले में बड़ा फैसला सुनाया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विभा रानी ने आरोपी सुनील यादव उर्फ बुलक को दो साल के सश्रम कारावास की सजा दी। कोर्ट ने उस पर 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
धर्मपुर गांव का रहने वाला बुलक पिछले तीन महीने से जेल में बंद है। 23 दिसंबर 2024 को नगर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उसके घर में छापेमारी की थी। पुलिस को उसके कमरे में बिछावन के नीचे से चार अवैध हथियार और कारतूस मिले थे।
मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की। जिला दंडाधिकारी से अभियोजन की स्वीकृति ली। सार्जेंट मेजर से हथियारों की जांच कराई। स्पीडी ट्रायल के तहत अभियोजन पक्ष ने छह गवाहों को कोर्ट में पेश किया। इनमें छापेमारी में शामिल पुलिस अधिकारी, जवान और हथियार की जांच करने वाले सार्जेंट मेजर शामिल थे।