Sheikhpura News : उमा 3 बच्चे की माँ; हलफनामा में तथ्य छुपाने पर गई सदस्यता, कार्रवाई भी होगी

शेखपुरा नगर परिषद अंतर्गत वार्ड संख्या 4 की पार्षद उमा कुमारी उर्फ उमा देवी की सदस्यता चुनाव ने रदद् कर दिया है। उमा देवी अपने बेटी का नाम छिपकर झूठे हलफनामा दायर कर चुनाव जीती थी। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार जिस व्यक्ति को दो से अधिक संतान है, वह कोई भी चुनाव लड़ नही सकता है। इसके बावजूद उमा कुमारी 3 बच्चों की माँ होते हुए एक बच्चे को छिपाकर मात्र दो संतान होने का ही हलफनामा दायर कर शेखपुरा नगर परिषद की चुनाव जीती थी।
लेकिन उमा कुमारी के धोखाधड़ी के खिलाफ उसी वार्ड के प्रतिद्वंद्वी रही महेश यादव की पत्नी पिंकी देवी ने चुनाव आयोग में शिकायत किया था कि उमा कुमारी को 3 बच्चे है और वह झूठे हलफनामा दायर कर शेखपुरा नगर परिषद का चुनाव जीती है। चुनाव आयोग के द्वारा मामले की जांच कराई गई और आरोप को सत्य पाया, उसके चुनाव आयोग ने बर्खास्तगी का पत्र जारी करते हुए जिला पदाधिकारी और नगर परिषद को पत्र भेजा है। इस आदेश के बाद अब उमा कुमारी वार्ड नं 4 की पार्षद नही रही। उमा कुमारी उर्फ उमा देवी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंदी यादव की पत्नी है।
वारसलीगंज अस्पताल में उमा ने दी थी तीसरी बच्ची का जन्म
राज्य चुनाव आयोग में परिवाद दायर होने के पश्चात इसकी जांच हेतु शेखपुरा डीएम को पत्राचार किया गया था। जिसके बाद डीएम के निर्देश पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी धर्मेश कुमार ने हरेक बिंदु को जांच कर अपना रिपोर्ट सौंपी, जो काफी चौंकाने वाला था। पूछताछ के क्रम में वारिसलीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की आशा कार्यकर्ता संजू रानी ने बताया कि उनसे देखरेख में ही बच्चे का जन्म हुआ है। पूछताछ में नवादा जिला के वारसलीगंज थाना अंतर्गत मीरबीघा गांव निवासी व उमा कुमारी के भगिनी रिंकू देवी ने बताई थी कि ये बड़ी बहू के मामा मामी है तथा शेखपुरा जिला के वार्ड संख्या-04 मुहल्ला बंगाली पर के निवासी है।
फोटो का मिलान व पूछताछ में तीसरी संतान का हुआ खुलासा
जांचकर्ता जिला पंचायती राज पदाधिकारी धर्मेश कुमार सिंह ने वारसलीगंज पीएचसी में फोटो का मिलान किया एवं पीएचसी में पूछताछ करने पर तीसरी संतान होने का खुलासा हुआ। जिसके आलोक में निर्वाचन आयोग ने वार्ड पार्षद उमा कुमारी की सदस्यता रद्द कर दी। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका) को निर्देश दिया है कि बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 447 व भादवि की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई कर आयोग को सूचित करने का निर्देश दिया है।