
शुक्रवार को सीपीआई के जिला परिषद की बैठक कामरेड गुलेश्वर यादव के अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। बैठक को संबोधित करते हुए राज्य कार्यकारिणी सदस्य सीताराम शर्मा ने कहा, देश के नरेंद्र मोदी की सरकार के नेतृत्व और भाजपा सरकार के गलत आर्थिक नीतियों के वजह से हिंदुस्तान के अंदर आर्थिक हालात बद से बदतर होते जा रही है। जिसके वजह से देश के किसानों की हालत और खराब होते जा रही है। किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार केंद्र की भाजपा सरकार से गुहार लगा रही है, कड़ाके के ठंड और शीतलहर में भी अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष आंदोलन चला रही है, पर केंद्र की सरकार इस पर सुनने के लिए तैयार नहीं है। बिहार के अंदर भी 22 जनवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर किसानों और मजदूरों के समस्याओं को लेकर एक प्रदर्शन और आंदोलन किया जा रहा है, इसमें शेखपुरा जिला की भागीदारी अहम मानी जा रही है।
सीपीआई जिला सचिव प्रभात कुमार पांडेय ने कहा कि बिहार सरकार के अधिकारियों के द्वारा वर्षों से बसे भूमिहीन गरीब, दलित, महादलित परिवार को खेल के मैदान या अन्य दूसरे कार्यों के वजह से उसके आशियाना झोपड़ी या सरकार के द्वारा दिए गए इंदिरा आवास को तोड़ने के लिए नोटिस किया जा रहा है, जिसे शेखपुरा जिला सीपीआई नहीं सहेगी, हम सभी लोग ऐसे गांव को चिन्हित कर जनता के बीच उनके समस्याओं का अवलोकन कर जिले के अंदर एक बड़ी आंदोलन करने का निर्णय लेते हुए सरकार और जिला प्रशासन को बगैर वैकल्पिक व्यवस्था किए हुए गरीबों का आशियाना तोड़ना गलत होगा।
उन्होंने कहा कि जिले के अंदर जनता के ज्वलंत सवालों और जन कल्याणकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की धार को तेज किया जाएगा। जिसके प्रथम कड़ी में 22 जनवरी को शेखपुरा जिला समाहरणालय के समक्ष किसान-मजदूर के समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। बैठक में गंभीरता पूर्वक किसानों के खाद बीज में हो रहे कालाबाजारी धान की खरीद में गड़बड़ी, गरीबों के झोपड़ी तोड़ने के लिए अंचलाधिकारी के द्वारा दिए जा रहे नोटिस और जन कल्याणकारी योजनाओं में प्राप्त भ्रष्टाचार पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए आंदोलन की धार को तेज करने का निर्णय लिया गया। बैठक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता चंद्रभूषण प्रसाद, शिवबालक सिंह, ललित शर्मा, रमाशंकर सिंह अधिवक्ता, राजेंद्र महतो, धुरी पासवान, सुदीन मांझी, विश्वनाथ प्रसाद, निधीश कुमार गोलू, सुजीत कुमार, सुखदेव रविदास व अन्य सदस्य उपस्थित थें।






