कुपोषण में डूबा शेखपुरा, डीडीओ ने बच्चों के पोषण पर जताई चिंता
जिला विकास पदाधिकारी ने जिले में पोषण की चिंताजनक स्थिति पर गहरी चिंता जताई। कम वजन, अतिकुपोषण और नवजात पोषण से जुड़े आंकड़ों पर खेद प्रकट किया। उन्होंने सभी महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि पोषण ट्रैकर पर बच्चों के सटीक और अद्यतन आंकड़ों की प्रविष्टि शीघ्र कराई जाए।

समाहरणालय परिसर स्थित जिला परिषद सभागार में पोषण पखवाड़ा के तहत डिस्ट्रिक्ट कॉन्वर्जेंस एक्शन प्लान की समीक्षा बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला विकास पदाधिकारी ने की। राष्ट्रीय पोषण मिशन के प्रतिनिधि विवेक कुमार ने जिले में पोषण से जुड़े प्रमुख सूचकांकों पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया। इसमें 5 वर्ष तक के बच्चों की विकास दर, कम वजन, अतिकुपोषण और नवजात पोषण की स्थिति को सामने रखा गया।
प्रस्तुति के बाद जिला विकास पदाधिकारी ने जिले में पोषण की चिंताजनक स्थिति पर गहरी चिंता जताई। कम वजन, अतिकुपोषण और नवजात पोषण से जुड़े आंकड़ों पर खेद प्रकट किया। उन्होंने सभी महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि पोषण ट्रैकर पर बच्चों के सटीक और अद्यतन आंकड़ों की प्रविष्टि शीघ्र कराई जाए।
बैठक में आंगनबाड़ी केंद्रों की भवन स्थिति, स्वच्छ जल की उपलब्धता और शौचालय सुविधाओं की भी समीक्षा हुई। पीएचईडी विभाग को निर्देश दिया गया कि इन कार्यों को जल्द पूरा करें, ताकि पोषण सेवाओं में कोई बाधा न आए। स्वास्थ्य विभाग और जीविका से जुड़े विभिन्न सूचकांकों की भी समीक्षा की गई। व्यवहार परिवर्तन से जुड़ी सक्सेस स्टोरीज पर चर्चा हुई।
जिला विकास पदाधिकारी ने सुझाव दिया कि महिला पर्यवेक्षिकाएं और आंगनबाड़ी सेविकाएं समुदाय स्तर पर जो नवाचार कर रही हैं, उन्हें प्रेरक कहानियों के रूप में प्रस्तुत किया जाए। इससे अन्य क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। बैठक में जिला ग्रामीण विकास निदेशक, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आईसीडीएस), जिला प्रबंधक (जीविका), जिला कार्यक्रम समन्वयक (स्वास्थ्य विभाग), सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिकाएं, शिक्षा विभाग, पीएचईडी विभाग के प्रतिनिधि, पीरामल फाउंडेशन की प्रतिनिधि सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।