Mahashivratri : महाशिवरात्रि के दूसरे दिन जलाभिषेक को लेकर शिव मंदिरों में उमड़ी रही भीड़

महाशिवरात्रि के दूसरे दिन शिव मंदिरों में जलाभिषेक को लेकर श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी रही। हर-हर महादेव, बोल-बम के घोष गूंजते रहे। ब्रह्ममुहूर्त में ही गिरिहिंडा पहाड़ स्थित 150 फ़ीट ऊंचे बाबा कामेश्वर नाथ मंदिर में शेखपुरा जिले के अलावे आसपास जिलों के हज़ारों लोगो ने जलाभिषेक किया।
वही शहर के अलावे ग्रामीण क्षेत्रो के विभिन्न शिवालयों तथा देवालयों के मंदिर में बंधी घण्टी और मंत्रों से गुंजयमान रहा। पहले मंदिरों के पुजारियों ने भगवान शंकर का श्रृंगार, जलाभिषेक के साथ अनुष्ठान संपन्न किया। इसके बाद महाकाल के आशीर्वाद पाने को लालायित शिवभक्तों की भीड़ मंदिरों में उमड़ पड़ी। अनेक शिवालयों में तो भक्तों की लंबी कतारें लग गई।

भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर समितियों के सदस्य व पदाधिकारी मुस्तैद रहे। लोगों ने पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव को गंगा जल, बेलपत्र, भांग, धतूरा और फूलों आदि अर्पित किया और साष्टांग होकर कैलाशपति का आशीष लिया। शिवालयों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा था। शिवालयों में घंटे के बजने के साथ ही पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय हो गया। भोले बाबा के जलाभिषेक के लिए क्या महिलाएं, बच्चे, बूढ़े व नौजवानों में होड़ मची थी। लोग बारी -बारी से जल चढ़ाने के लिए लगे रहे। इस दौरान गिरिहिंडा पहाड़ के उपर अवस्थित इस मंदिर परिसर से शहर के विभिन्न क्षेत्रों और आसपास का अद्भुत नजारा देखते ही बनता है।

मंदिरों व शिवालयों में सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
श्रद्धालु बेलपत्र, भांग, धतूरा, जल, दूध आदि लेकर श्रद्धालु अपने नजदीक के मंदिरों एवं शिवालयों पहुंचे। जहां श्रद्धालुओं द्वारा शिवलिंग पर जलाभिषेक कर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। जिसमें बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु शामिल थी। वही ग्रामीण क्षेत्रों के शिवालयों में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई।

महाशिवरात्रि को लेकर शिव मंदिरों को सजाया गया था। शिव भक्ति के गीतों से सारा वातावरण भक्तिमय लग रहा था। ज्योतिषचार्य बालाकांत पांडेय ने कहा कि महाशिवरात्रि में भगवान भोलेबाबा की पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। खासकर यह व्रत लड़कियों को सुयोग्य वर की प्राप्ति और सुहागिन महिलाएं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति देती है।