फाइलेरिया के 676 मरीजों को मिला मुफ्त एमएमडीपी किट
फाइलेरिया से पीड़ित सभी 676 मरीजों को एमएमडीपी किट दिया गया। यह किट मुफ्त में बांटा गया। मरीजों को इसके इस्तेमाल का तरीका भी विस्तार से बताया गया। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा किएमएमडीपी किट से मरीज संक्रमण को नियंत्रित कर सकते हैं। हाथीपांव की बढ़ोतरी पर काबू पा सकते हैं। साथ ही अपनी रोजमर्रा की गतिविधियां सामान्य रख सकते हैं।

जिले में फाइलेरिया से पीड़ित सभी 676 मरीजों को एमएमडीपी किट दिया गया। यह किट मुफ्त में बांटा गया। मरीजों को इसके इस्तेमाल का तरीका भी विस्तार से बताया गया।
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। इसका इलाज संभव नहीं है। लेकिन एमएमडीपी किट के जरिए इसके लक्षणों को बढ़ने से रोका जा सकता है।
डॉ सिंह ने बताया कि किट में एंटीसेप्टिक क्रीम, जरूरी दवाएं, डेटॉल साबुन, टब, मग, तौलिया, पट्टी, कॉटन बंडल और मरीजों के लिए विशेष चप्पल शामिल हैं। मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की देखभाल के लिए मालिश और व्यायाम भी सिखाया गया।
सरकार हर साल सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाती है। इसके तहत गठित टीम घर-घर जाकर और बूथ पर दवा खिलाती है। इसका मकसद लोगों को फाइलेरिया से बचाना है।
कई लोग भ्रम या जानकारी के अभाव में दवा नहीं खाते। ऐसे लोग फाइलेरिया की चपेट में आ जाते हैं। फिर हाथीपांव जैसी स्थिति में जीवन भर तकलीफ झेलते हैं।
डॉ सिंह ने कहा कि एमएमडीपी किट से मरीज संक्रमण को नियंत्रित कर सकते हैं। हाथीपांव की बढ़ोतरी पर काबू पा सकते हैं। साथ ही अपनी रोजमर्रा की गतिविधियां सामान्य रख सकते हैं।