Sheikhpura News : चरम पर पहुंच गया नगर परिषद में कमीशनखोरी, रोक पाना जिला प्रशासन की बुते से बाहर

एक और मुख्यमंत्री कहते है कि न खाएंगे न खिलाएंगे, लेकिन शेखपुरा नगर परिषद में कमीशनखोरी का जो आलम हैं कि उससे यही लग रहा है कि भले जी मुख्यमंत्री न खाए और न खिलाए, लेकिन खाने वालों को छूट जरूर दे रखे है। बता दें कि नगर परिषद शेखपुरा के विकास कार्यों में कमीशनखोरी 30 से 35 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह मैं नही कहता बल्कि वहां के वार्ड पार्षद का ही आरोप है।
एक माह में ही बतासे की तरह बिखर गया बंगाली मोहल्ले की सड़कें
वार्ड पार्षद आनंदी यादव, शिव कुमार, मुरारी कुमार आदि कहते है कि नगर परिषद के चैयरमैन रश्मि कुमारी के पति विजय मास्टर और कार्यपालक पदाधिकारी विनय कुमार के द्वारा दोनो हाथ से लूट खसोट कर रहे है। मनमाने तरीकों से अपने चाहते ठीकेदारों से काम कराकर मनमाना नाजायज रिश्वत लिया जा रहा है। जिससे कार्य की गुणवत्ता पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। उदाहरण के तौर बंगाली पर मोहल्ले में नवनिर्मित सड़क, जो एक माह में ही बतासे की तरह बिखर गया। कमोवेश सभी योजनाओं में यही हाल है। बंगाली पर मोहल्ले में घटिया निर्माण की जांच के लिए जिलाधिकारी से भी किया गया था, लेकिन वहां भी खानापूर्ति कर दिया गया था, लिहाजा लोग यही कह रहे है कि जिला प्रशासन और नगर प्रशासन दोनो मिले हुए है और भ्रष्ट्राचार में एक जुटे हुए है।

पूर्व से लगे पेवर ब्लॉक को फिर से लगाकर निकाल ली राशि
राशि का बन्दरवाट करने के लिए पथ निर्माण के सड़कों में भी अतिक्रमण कर पूर्व से लगे पेवर ब्लॉक को फिर से लगाकर राशि निकाल ली जा रही है। चांदनी चौक के समीप बाबा भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा, दल्लू चौक पर पटेल की प्रतिमा सहित आदि प्रतिमा में भी मरम्मती के नाम पर राशि निकालने की तैयारी की जा रही है।
पूरे शहर में नल-जल का बुरा हाल
पूरे शहर में नल जल का बुरा हाल है, कही नल टूटे है तो कही पाइप टूटे हुए है। पानी की आपूर्ति भी अनियमित है। शहर में मच्छर भगाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई हैंऔर लाखो रुपये का मशीन धूल फांक रहा है। साफ-सफाई का भी बुरा हाल है। सब्जी मंडी और टेम्पो स्टैंड से लाखों की कमाई की जा रही है, लेकिन सड़क से अतिक्रमण व जाम हटाने की जरूरत नगर परिषद नही समझती। जहां तहां सड़क किनारे नाजायज तरीके से दुकानों का भी निर्माण किया जा रहा है। जिससे सड़क की चौड़ाई सिमट गई है और आने वाले वर्षों में जिले को भयंकर जाम से सामना करना पड़ेगा।
जिलावासियों को अंधकार में डूबने को दिया छोड़
पथ निर्माण तथा स्वास्थ्य विभाग इस पर आपत्ति भी दर्ज किया था, लेकिन चांदी के सिक्कों के आगे सब नतमस्तक हो गए और जिलावासियों को अंधकार में डूबने को छोड़ दिया है।