सिरारी-महसार सड़क 5 वर्षों से बदहाल, विकास के वादे खोखले साबित
अब देखना यह है कि क्या प्रशासन और नेता इस बार वाकई जनता की पीड़ा को समझेंगे या फिर यह सड़क एक बार फिर से चुनावी वादों के बोझ तले दब जाएगी।

शेखपुरा। शेखपुरा जिले के सिरारी चौक से महसार तक जाने वाली सड़क पिछले पाँच वर्षों से बदहाली का शिकार है। यह सड़क, जो कोयला, बाउघाट, पानापुर और टाल क्षेत्र के हजारों लोगों को जिला मुख्यालय से जोड़ती है, आज गड्ढों और उड़ती धूल की वजह से लोगों की परेशानी का कारण बनी हुई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कभी यह सड़क अच्छी स्थिति में थी, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महसार दौरे के दौरान इस सड़क को जेसीबी से उखाड़ दिया गया। वादा किया गया था कि इस पर नया और बेहतर निर्माण होगा, लेकिन तब से लेकर अब तक सिर्फ मोरंग डालकर खानापूर्ति की गई। धीरे-धीरे वह मोरंग भी उड़ गया और अब सड़क में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे और कंकड़-पत्थर उभर आए हैं।
रोजाना जान जोखिम में डाल रहे लोग
सड़क से गुजरने वाले मुसाफिर, स्कूल जाने वाले छात्र, गर्भवती महिलाएं और आपात स्थिति में मरीज- सभी को भारी जोखिम उठाकर सफर करना पड़ रहा है। बरसात में कीचड़ और गर्मियों में धूल ने इस सड़क को चलने लायक भी नहीं छोड़ा है।
जनता का आरोप: सड़क बनी राजनीति का शिकार
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सड़क राजनीति और जातिगत भेदभाव का शिकार हो गई है। न तो क्षेत्रीय विधायक ने इस ओर ध्यान दिया, और न ही पथ निर्माण विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई की।
स्थानीय रंजीत सिंह उर्फ बुद्धन भाई कहते है कि जब चुनाव आता है तो नेता जी दौरा करते हैं, भाषण देते हैं। चुनाव जीतते ही सब वादे हवा हो जाते हैं।
चुनाव से पहले वादों की बौछार, लेकिन काम शून्य
अब जबकि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, फिर से सड़क निर्माण के वादे किए जा रहे हैं। जनता अब सवाल कर रही है कि जब 5 साल तक कुछ नहीं हुआ, तो क्या अब वोट के बदले सड़क दी जाएगी?
स्थानीय लोगों ने तत्काल सड़क निर्माण शुरू हो, विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से जवाब लिया जाए, सड़क को प्राथमिकता पर डालकर समय-सीमा में निर्माण कराया जाए।