Sheikhpura News : सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए बच्चियों का एचपीवी टीकाकरण शुरू, केजीबी की खुशबु ने ली पहली टीका

बालिकाओं को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए मंगलवार को जिले में मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना की शुरुआत की गई है। इस दौरान जिले में 9 वर्ष से 14 आयुवर्ग के चिन्हित बालिकाओं को ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) टीका का पहला डोज लगाया गया। सिविल सर्जन डॉ.संजय कुमार द्वारा सदर अस्पताल में फीता काटकर एचपीवी टीकाकरण योजना की आरम्भ किया गया। एचपीवी टीकाकरण के पहले दिन सदर अस्पताल में केजीबी की 17 चिन्हित बालिकाओं को चिकित्सकों द्वारा एचपीवी का टीका लगाया गया।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ.संजय कुमार ने कहा कि बिहार राज्य में हर साल 30 वर्ष की उम्र के बाद बहुत सी महिलाओं द्वारा गर्भाशय कैंसर से ग्रसित पाया जा रहा है। भविष्य में बालिकाओं को गर्भाशय कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना के तहत 09 से 14 आयुवर्ग के बालिकाओं के लिए ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) टीकाकरण की शुरुआत की गई है। कार्यक्रम में सिविल सर्जन के अलावे अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.अशोक कुमार सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.संजय कुमार शर्मा, स्टेट राज्य समन्वयक अनुराधा कुमारी, उपाधीक्षक डॉ.नौशाद आलम, जिला वैक्सीन कोल्ड चेन प्रबंधक परमानन्द कुमार, शिक्षक और शिक्षिकाएं टीकाकरण की टीम एवं बड़ी संख्या में छात्राएँ उपस्थित रही।

120 डोज में 17 छात्राएं को किया गया टीकाकृत
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.अशोक कुमार सिंह ने कहा कि बिहार राज्य देश का पहला राज्य बन गया है जहां 9 से 14 आयुवर्ग की बच्चियों को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण सुविधा उपलब्ध करा रहा है। इसके लिए शेखपुरा जिले में 120 डोज सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.संजय कुमार ने बताया कि 09 से 15 आयुवर्ग की बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण अभियान चलाया गया है।
टीकाकरण के पहले दिन 17 बालिकाओं को एचपीवी टीका के पहले डोज उपलब्ध कराई गई। जिसके पश्चात सभी सर्टिफिकेट दिया गया। उन्होंने कहा कि टीका लगाने के 06 माह बाद सभी संबंधित लाभार्थियों को एचपीवी का दूसरा डोज लगाया जाएगा। टीका लगाने से सभी लाभार्थियों को सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना खत्म हो जाएगी और लाभार्थी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर ग्रसित होने से सुरक्षित रहेंगे। टीकाकरण के लिए उपस्थित सभी लाभार्थियों को टीका लगाने के बाद 30 मिनट चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया, जिससे कि उन्हें जरूरत होने पर चिकित्सकीय सहायता प्रदान किया जा सके।