Sheikhpura News : यूट्यूबर रंगा भाई यादव साइबर पुलिस कसेगी शिकंजा, बच्चों के जरिए अश्लील रील बनाने का है आरोप

सोशल मीडिया पर अश्लील और अनुचित सामग्री (कंटेंट) को बढ़ावा देने वाले लोकल यूट्यूबर रंगा भाई यादव पर शेखपुरा का साइबर थाना सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। यूट्यूबर पर आरोप है कि वह बच्चों से अभद्र भाषा बुलवाकर रील्स बनाते हैं और उन्हें यूट्यूब पर अपलोड कर रहे हैं। यह सामग्री न केवल बच्चों के मासूम दिमाग पर बुरा प्रभाव डाल रही है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी फैला रही है।
बच्चों का हो रहा है दुरुपयोग
जिला बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस तरह की रील्स बच्चों को बिगाड़ रही हैं। यूट्यूबर रंगा भाई यादव अपने चैनल की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए मासूम बच्चों को गलत भाषा बोलने के लिए उकसा रहे हैं। इन वीडियोज में अश्लील और गंदी बातें कही जाती हैं, जो परिवार के साथ देखने लायक नहीं होतीं। उन्होंने आगे कहा कि इन वीडियोज को देखने वाले बच्चे भी वैसा ही बोलने और करने लगते हैं, जिससे उनका मानसिक और नैतिक पतन हो रहा है।
आईटी एक्ट और साइबर कानून के तहत होगी कार्रवाई
जिला बाल संरक्षण इकाई के सीपीओ सुरेंद्र कुमार ने इस मामले की शिकायत साइबर थाना में दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि आईटी एक्ट और साइबर कानून के तहत ऐसी सामग्री (कंटेंट) को बैन किया गया है, लेकिन फिर भी रंगा भाई यादव जैसे यूट्यूबर इस तरह के वीडियो बनाकर न केवल बच्चों का शोषण कर रहे हैं, बल्कि समाज में गंदगी फैला रहे हैं। शेखपुरा साइबर थाना ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जल्द ही संबंधित यूट्यूब चैनल पर कार्रवाई की जाएगी।
यूट्यूब चैनल हटाने और बच्चों को समझाने की प्रक्रिया शुरू
शिकायत दर्ज होने के बाद साइबर थाना ने बच्चों को इस मामले में समझाने और उनके परिजनों को जागरूक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा रंगा भाई यादव को चेतावनी दी गई है कि वह अपना यूट्यूब चैनल डिलीट करें और भविष्य में इस तरह की हरकतों से बचें। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बच्चों को ऐसे कंटेंट से बचाएं अभिभावक
जिला प्रशासन और बाल संरक्षण इकाई ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें और उन्हें ऐसे यूट्यूब चैनलों से दूर रखें जो अनुचित भाषा और अश्लीलता को बढ़ावा देते हैं। अगर किसी को भी इस तरह के अन्य मामले की जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत साइबर थाना को सूचित करें ताकि इस पर रोक लगाई जा सके।