
बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू)के आह्वान पर शुक्रवार को दर्जनों रसोइयों ने एमडीएम से एनजीओ को बाहर करने, विद्यालय बंदी में रसोइयों से काम लेना बंद करने, सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, मानदेय 1650 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने तथा साल का 10 नहीं 12 माह का मानदेय देने सहित 13 सूत्री मांग को लेकर बरबीघा के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना दिया।

धरना संघ के अध्यक्ष बेबी देवी की अध्यक्षता में हुई। धरना में ऐक्टू नेता कमलेश प्रसाद, माले जिला सचिव विजय कुमार विजय, माले नेता राजेश कुमार राय, रसोइया नेत्री मंजू देवी ने प्रमुख रूप से संबोधित किया। ऐक्टू नेता कमलेश प्रसाद ने विद्यालय बंदी में रसोइयों से काम लेना बंद करने की मांग करते हुए एमडीएम को एनजीओ के हवाले करने को नीतीश सरकार द्वारा रसोइयों के अधिकार और मानदेय का कानूनी लुट करार दिया। साथ ही मोदी-नीतीश सरकार पर एमडीएम का निजीकरण का आरोप लगाया।
माले जिला सचिव विजय कुमार विजय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा कि चुनावी वर्ष में 226 करोड़ की यात्रा कर रहे हैं, ;लेकिन गरीब दलित, अति पिछड़ा, पिछड़ा समुदाय से आने वाली रसोइया मात्र 45 रुपया रोज पर मजदूरी का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश राज की यही उपलब्धि है। इस सूरतेहाल को रसोइयों को हर हाल में बदलने के लिए तैयार रहना होगा। माले नेता राजेश कुमार राय ने कहा कि पिछले 10 साल में मोदी तथा 5 वर्ष में नीतीश सरकार ने रसोइयों के मानदेय में ₹1 भी वृद्धि नहीं किया है। धरना में रसोइया मीना देवी, पूनम कुमारी, सबिता देवी, मालो देवी, गीता देवी, राजमुनी देवी, अलका कुमारी सहित दर्जनों रसोईया भाग लिया।