शेखपुरा

Sheikhpura News : टाटी नरसंहार के शहीदों का शहादत कार्यक्रम में बोले अशोक महतो: सामंतवादी के विरुद्ध उनकी लड़ाई जारी 

टाटी पुल नरसंहार में शहीद हुए आठ शहीदों के सम्मान में गुरूवार को अरियरी प्रखंड अंतर्गत ससबहना इंटर स्कूल मैदान में शहादत दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  शोषितों, वंचितों के हक़ और अधिकार की लड़ाई लड़ने वाले अशोक महतो उर्फ़ साधु जी शामिल हुए।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता रंजीत कुमार उर्फ़ पिंटू महतो ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत शहीदों को पुष्प एवं पुष्पमाला देकर श्रद्धांजलि कर किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अशोक महतो उर्फ़ साधु जी ने कहा कि टाटी नरसंहार के शहीदों का शहादत दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 के पहले शेखपुरा जिला में किसी भी कमजोर तबके के लोगों को किसी भी ऑफिस या चौक-चौराहे पर अपना बात बात खुलकर कहने की हिम्मत नहीं थी।

एक सामंतवादी परिवार का शासन परोक्ष रूप से चलता था। वर्ष 2001 के पंचायती चुनाव में हमारे संगठन द्वारा नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, नालंदा, पटना एवं सीमावर्ती जिलों में सैकड़ों मुखिया, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य एवं पंचायतों को उत्साहित कर एवं मदद कर जीत दिलाई गई।

इसी चुनाव में शेखपुरा जिला में कमजोर तबके के लोगों को काफी संख्या में प्रतिनिधियों की जीत हुई। बता दें कि लोकसभा चुनाव में अशोक महतो की पत्नी अनीता कुमारी ने मुंगेर संसदीय क्षेत्र से राजद की टिकट पर चुनाव लड़ी थी, हालांकि इस चुनाव में उनकी हार हुई लेकिन जदयू प्रत्याशी राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह को जबदरस्त टक्कर दी थी। अशोक महतो एक बार उस वक्त पुन: चर्चा में आ गये जब उसकी कहानी वेब सीरिज खाकी द बिहार चैप्टर में दिखाया गया था। 

आवाज़ उठाया तो सामंतवादी परिवार ने आठ लोगों को गोलियों से भुना 

आज के ही दिन 26 दिसम्बर 2001 को शेखपुरा में जिला परिषद की बैठक थी। जिला परिषद सदस्य अनिल महतो ने गरीब, लाचार एवं असहाय कमजोर लोगों की हक़ के आवाज़ उठाए तो बैठक में तत्कालीन विधायक जो बिहार सरकार में मंत्री थे, उनके द्वारा उनकी आवाज़ को दबाने का हरसम्भव प्रयास किया गया। लेकिन वह अपनी बातों पर डटे रहे।

बैठक में जब बदलाव हुआ तो उस सामंतवादी अत्याचारी परिवार को नागवार गुजरा। बैठक में तत्कालीन बरबीघा विधानसभा के विधायक सह वर्तमान में मंत्री अशोक चौधरी भी शामिल हुए थे।

पटना जा रहे अशोक चौधरी को विदाई देकर लौटने के क्रम में शेखपुरा-बरबीघा पथ स्थित हथियावां गांव मोड़ के समीप टाटी पुल के पास जाम लगाकर जिला परिषद सदस्य अनिल महतो, राजद जिलाध्यक्ष पहलवान काशीनाथ यादव, मुखिया अबोध प्रसाद, उपमुखिया महेंद्र राउत, पचालेश यादव, सिकंदर यादव, सचिदानंद प्रसाद एवं ड्राइवर विपिन कुमार को गोली मारकर सामूहिक नरसंहार किया गया था। इस नरसंहार में मैं काफी हतोत्साहित हो गया था, परन्तु उन्होंने लड़ाई जारी रखा। 

आपकी सेवा में अपनी बची जिंदगी देने के लिए हूं तैयार

शेखपुरा के एक सामंतवादी परिवार का राज तो चला गया, परन्तु हमें वर्ष 2006 में गिरफ्तार कर जूता-चप्पल की माला पहनाकर साढ़े 17 वर्ष तक जेल में अत्याचारपूर्वक बंद रखा। आज हमलोग शहीदों का सहादत दिवस मना रहे है, जो बच्चें आज 20-22 वर्ष के है उन्होंने इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होगी।

मैं आज पुन: आपलोगों से कहता हूँ कि आप लोग आपसी रंजिश को भूलकर एक मंच पर आए। मैं आपकी सेवा में अपनी बची जिंदगी देने के लिए तैयार हूँ। वहीं, पिंटू महतो ने कहा कि अनिल जी की शहादत बेकार नहीं जाएगी।

उन्होंने कहा कि वह एक कर्मठ नेता थे और वह एक प्रतिनिधि के रूप में अपने क्षेत्र के विकास के लिए और लोगों के हक के लिए हमेशा संघर्षरत रहते थे और उनके अधूरा सपना को वह पूरा करेंगे। मौके पर राजद के प्रदेश सचिव बालेश्वर यादव, वारसलीगंज के पूर्व विधायक प्रदीप महतो, रामबालक यादव सहित आसपास के जिलों के हज़ारों लोग मौजूद थे।  

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!