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Sheikhpura News: 24 साल बाद टाटी नरसंहार के आश्रितों को मदद देगी सरकार, इतनी सहायता राशि देने का ऐलान

चर्चित टाटी नरसंहार में जान गंवाने वाले आश्रितों को अनुग्रह अनुदान योजना के तहत गृह विभाग के द्वारा 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इसको लेकर संबंधित विभाग से पत्र शेखपुरा पहुंच गया है। सभी मृतकों के परिवार के सत्यापन के लिए पत्र संबंधित अंचल अधिकारी को पत्र भेजा जा रहा है। 26 दिसंबर 2001 को शेखपुरा-बरबीघा सड़क मार्ग के टाटी नदी के समीप नरसंहार की घटना हुई थी। इस नरसंहार ने पूरे बिहार में हड़कंप मच दिया था। 

50-50 हजार रुपए की सहायता राशि मिलने जा रही
घटना के सूचक मुनेश्वर महतो उर्फ मुन्ना महतो ने बताया कि इसको लेकर सहायता राशि व सरकारी नौकरी को लेकर कई बार सरकार को चिट्ठी लिखी गई थी। दो वर्ष पूर्व तत्कालीन डीएम सावन कुमार को भी चिठ्ठी देकर सहायता राशि की मांग की गई थी। इसके बाद उन्होंने सरकार को पत्र लिखा था। इसी के मद्देनजर सात लोगों के आश्रितों को 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि मिलने जा रही है। इसी वित्तीय वर्ष में यह राशि दे दी जाएगी।
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सात लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी
26 दिसम्बर 2001 को शेखपुरा में जिला परिषद की बैठक सम्पन्न हुई थी। जिसमें तत्कालीन बरबीघा विधानसभा के विधायक सह वर्तमान में मंत्री अशोक चौधरी भी शामिल हुए थे। पटना जा रहे अशोक चौधरी को विदाई देकर लौटने के क्रम में शेखपुरा-बरबीघा पथ स्थित हथियावां गांव मोड़ के समीप टाटी पुल के पास जाम लगाकर जिला परिषद सदस्य अनिल महतो, राजद जिलाध्यक्ष पहलवान काशीनाथ यादव, मुखिया अबोध प्रसाद, उपमुखिया महेंद्र राउत, पचालेश यादव, सिकंदर यादव, सचिदानंद प्रसाद एवं ड्राइवर विपिन कुमार को अंधाधुंध गोलियां बरसाकर सामूहिक नरसंहार किया गया था। 

इन लोगों का आया था नाम 

जिसमें तत्कालीन सांसद राजो सिंह, उनके पुत्र व तत्कालीन ग्रामीण विकास राज्य मंत्री संजय सिंह, उनके समधी व जिला परिषद सदस्य कृष्णनंदन सिंह, भतीजा व वर्तमान में रामाधीन महाविद्यालय के प्राचार्य दिवाकर कुमार, भतीजा कन्हैया कुमार, मृत्युंजय सिंह आदि का नाम आया था।

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