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शेखपुरा में तेज़ आंधी-बारिश ने बरपाया कहर; फसलें बर्बाद, बिजली ठप, पेड़ गिरे

विधायक ने सरकार से हर प्रभावित क्षेत्र में सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने और इसे प्राकृतिक आपदा घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर किसान की फसल डूबी, तो लोगों की थाली सूनी रह जाएगी। अगर किसान टूटा, तो देश की रीढ़ टूट जाएगी।

गुरुवार शाम करीब चार बजे आई तेज आंधी और बारिश ने जिले में भारी तबाही मचाई। शहर अंधेरे में डूब गया। लोगों को दिन में ही बल्ब जलाने पड़े। कई घरों और दुकानों के टीन-शेड और छप्पर उड़ गए। कई जगह बिजली के तार टूट गए। इससे बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई।

गांवों की कच्ची सड़कों पर पानी भर गया। लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई। चैत महीने की इस बारिश से प्याज, गेहूं और दलहनी फसलों को भारी नुकसान हुआ। देर रात तक बिजली नहीं आई। शहर और गांव दोनों जगह लोग परेशान रहे।

अरियरी प्रखंड के रौंदी गांव में एक दीवार गिर गई। गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। बाजिदपुर में गुड्डू ठाकुर के घर पर ताड़ का पेड़ गिर गया। घर दो हिस्सों में बंट गया। गुड्डू ठाकुर ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।

शेखोपुरसराय नगर पंचायत के चरुआमा में नलजल योजना की टंकी गिर गई। बिजली के खंभे भी टूट गए। रतोइया नदी के पास एक बड़ा पेड़ सड़क पर गिर गया। इससे रास्ता बंद हो गया। समाहरणालय समेत कई इलाकों में पेड़ और टहनियां टूटकर सड़क पर गिरीं।

सिरारी में सड़क किनारे बनी करकट की दुकानें उजड़ गईं। शेखपुरा-लखीसराय मुख्य पथ पर बीच सड़क पर पेड़ गिरने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया। पुरैना में भी सड़क पर पेड़ गिरने से वाहन नहीं चल सके। पूरे जिले में बिजली आपूर्ति बंद रही।

बेमौसम बारिश से खेतों में खड़ी गेहूं, प्याज और तेलहनी फसलें बर्बाद हो गईं। किसान बची हुई फसल को बचाने में जुटे रहे।

शेखपुरा विधायक विजय सम्राट ने बिहार सरकार से अपील की है। उन्होंने कहा कि यह बारिश सिर्फ पानी नहीं, बल्कि किसान की मेहनत, उसकी उम्मीद और पूरी फसल को बहा ले गई है। तेज बारिश, ओलावृष्टि और बवंडर जैसी हवाओं ने किसान की सारी तैयारी बर्बाद कर दी। खेतों में खड़ी गेहूं की फसल कीचड़ में लथपथ हो गई। सालभर की मेहनत मिट्टी में मिल गई।

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