बालक दिव्याकृति को मिला नया घर, यूपी की महिला ने लिया गोद
अब शेखपुरा में ही विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान खुल गया है। जिले में पाए जाने वाले परित्यक्त या भूले-भटके बच्चों को अब यहीं रखा जाता है। यहीं से गोद देने की प्रक्रिया भी पूरी की जाती है।

विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान शेखपुरा में पल रहे सात माह के बालक दिव्याकृति को अब मां की ममता मिल गई है। उत्तर प्रदेश से आई एक सिंगल मदर ने उसे नियमानुसार गोद लिया। सोमवार को जिला पदाधिकारी के कक्ष में गोद लेने की प्रक्रिया पूरी की गई। जिलाधिकारी आरिफ एहसन ने बताया कि बालक की देखभाल पिछले सात महीने से शेखपुरा स्थित संस्थान में हो रही थी। सभी कानूनी प्रक्रियाओं और दत्तक ग्रहण अधिनियमों का पालन करते हुए बालक को गोद दिया गया।
जिलाधिकारी ने बताया कि अब तीन साल तक बालक की देखभाल की निगरानी की जाएगी। इस दौरान यह देखा जाएगा कि बालक को उचित देखभाल मिल रही है या नहीं। गोद लेने की प्रक्रिया के दौरान बालक की किलकारी गूंज उठी। वहां मौजूद सभी अधिकारियों के चेहरे खिल उठे।
शेखपुरा जिले में यह पहला मामला है जब किसी बालक को जेजे एक्ट और दत्तक ग्रहण अधिनियमों के तहत गोद दिया गया है। इससे पहले जिले में पाए जाने वाले अनाथ या परित्यक्त बच्चों को नवादा के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में भेजा जाता था। वहां के जिलाधिकारी द्वारा गोद देने की प्रक्रिया होती थी।
इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण की सहायक निदेशक श्वेता कौर, सीपीओ सुरेंद्र कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष किरण शर्मा, वरीय उपसमाहर्ता सरोज पासवान और जितेंद्र कुमार मौजूद थे।