
बिहार में आंधी, तूफान और ओलावृष्टि से किसानों और खेत मजदूरों को भारी नुकसान हुआ है। रवि सीजन की गेहूं, दलहन और प्याज की फसल खेत और खलिहान में ही रह गई। खेत में काम करने वाले मजदूरों की हालत भी खराब हो गई है। किसान और मजदूर दोनों तबाह हो गए हैं। अब उनके सामने बच्चों की पढ़ाई, दवाई, कपड़ा, खाने और अगली खेती के लिए खाद-बीज और मजदूरी का संकट खड़ा हो गया है।
कई मजदूरों की झोपड़ियां तेज आंधी में उड़ गई हैं। वे खराब मौसम में जैसे-तैसे रह रहे हैं। सरकार और प्रशासन की ओर से अब तक कोई मदद नहीं मिली है। लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है। जिले के कई गांवों की समस्या लोकल मीडिया ने उजागर की है। जिले में पीएचईडी द्वारा लगाए गए अधिकतर चापाकल बंद पड़े हैं। बिजली नहीं रहने से बोरिंग भी नहीं चल पा रहा है।
यह सिर्फ शेखपुरा जिले की नहीं, पूरे बिहार की समस्या है। एआईवाईएफ के संयुक्त सचिव निधिश कुमार गोलू ने सरकार से मांग की है कि पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर किसानों और मजदूरों की समस्याओं का समाधान किया जाए।