चमकी बुखार से बचाव को सभी अस्पताल अलर्ट मोड में रहें : डीडीसी
बैठक में बच्चों को मस्तिष्क ज्वर से बचाने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि एईएस-जेई संक्रमण पर नियंत्रण और बेहतर प्रबंधन के लिए हर स्तर पर पहल जरूरी है। सभी सरकारी अस्पतालों में वार्ड, बेड और दवा की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। सिविल सर्जन सभी तैयारियां अपडेट रखें।

डीडीसी की अध्यक्षता में मंथन सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में बच्चों को मस्तिष्क ज्वर से बचाने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि एईएस-जेई संक्रमण पर नियंत्रण और बेहतर प्रबंधन के लिए हर स्तर पर पहल जरूरी है। सभी सरकारी अस्पतालों में वार्ड, बेड और दवा की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। सिविल सर्जन सभी तैयारियां अपडेट रखें।
उन्होंने निर्देश दिया कि जिले के सभी पीएचसी को अलर्ट मोड में रखा जाए। ताकि किसी भी आपात स्थिति में बच्चों की जान बचाई जा सके। कम्युनिकेशन प्लान को भी बेहतर तरीके से लागू किया जाए। उप विकास आयुक्त ने कहा कि हर बच्चा अनमोल है। एक-एक बच्चे का विशेष ध्यान रखा जाए। प्रभावित बच्चा समय पर अस्पताल पहुंचे और उसे सही इलाज मिले, यह हर हाल में सुनिश्चित हो। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि शिक्षक छात्रों और उनके अभिभावकों को जेई-एईएस संक्रमण और उसकी रोकथाम के बारे में जागरूक करें। जीविका दीदियों, सेविकाओं और सहायिकाओं के माध्यम से समुदाय में प्रचार-प्रसार हो। आंगनबाड़ी केंद्रों पर ओआरएस, पेरासिटामोल और जरूरी दवाएं उपलब्ध रहें। सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से भी चमकी बुखार को लेकर प्रचार-प्रसार किया जाए।
निशुल्क एंबुलेंस सेवा के लिए टोल फ्री नंबर 102 पर कॉल कर सेवा ली जा सकती है। बैठक में सिविल सर्जन, पंचायती राज पदाधिकारी, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।