Sheikhpura : नरसिंहपुर रेलवे हाल्ट का नाम बदला, गांव की पहचान लौटाई गई!

नरसिंहपुर। लंबे समय से गांव की पहचान बदलने वाले विवाद का समाधान आखिरकार हो गया। पूर्व सभापति रौशन कुमार की लगातार कोशिशों और लोकसभा सांसद विवेक ठाकुर की सक्रिय पहल के बाद ‘अमावां’ रेलवे हाल्ट का नाम पुनः बदलकर नरसिंहपुर कर दिया गया। यह रेलवे हाल्ट नरसिंहपुर गांव के समीप स्थित है और पहले इसे ‘अमावां’ नाम दिया गया था, जिससे गांव के लोगों में असंतोष था और स्थानीय पहचान प्रभावित हो रही थी।
Bihar : 1 करोड़ के इनामी नक्सली प्रवेश दा ढेर! बिहार-जमुई सहित 5 जिले अब पूरी तरह नक्सल मुक्त!
रौशन कुमार ने कई बार रेलवे अधिकारियों को आवेदन भेजकर नाम बदलने की मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली जाकर सांसद विवेक ठाकुर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें गांव के नाम और स्थानीय लोगों की समस्याओं को उजागर किया गया। सांसद ने तुरंत रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर सुधार की बात की। इसके परिणामस्वरूप रेलवे प्रशासन ने नाम परिवर्तन की मंजूरी दे दी और हाल्ट का नाम नरसिंहपुर कर दिया।
Bihar : गेस्ट हाउस से पकड़ी गईं 3 पिस्टल और 7 मैगजीन, कुख्यात भी पुलिस के शिकंजे में!
यह नाम परिवर्तन केवल एक रेलवे बदलाव नहीं है, बल्कि यह ग्रामीणों की पहचान और सम्मान की वापसी भी है। रौशन कुमार ने इस उपलब्धि के लिए सांसद विवेक ठाकुर और रेलवे प्रशासन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जब स्थानीय नेताओं और सांसदों का सहयोग मिलता है, तब ग्रामीणों की आवाज को सुना और लागू किया जा सकता है।
Sheikpura : एक पल की चूक… और घर में मच गया कोहराम!
नाम परिवर्तन से स्थानीय लोग अत्यधिक खुश हैं। रौशन कुमार ने बताया कि रेलवे हाल्ट में अंडरपास और पुलिया नहीं होने के कारण गांववासियों और किसानों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। खासकर कृषि कार्य के दौरान किसानों को अपनी जमीन तक पहुँचने में परेशानी हो रही थी और जल निकासी की समस्या भी गंभीर थी। उन्होंने कहा कि रेलवे प्रशासन जल्द ही इन समस्याओं का स्थायी समाधान करेगा, जिससे गांववासियों की रोजमर्रा की जिंदगी और कृषि कार्य दोनों में सुधार आएगा।
Bihar : शेखपुरा में दिल दहला देने वाली हत्या! तीन गिरफ्तार, लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी फरार!
विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस तरह के नाम परिवर्तन और स्थानीय समस्याओं के समाधान से ग्रामीण जनता में विश्वास और प्रशासनिक सहभागिता बढ़ती है। नरसिंहपुर की यह पहल अन्य गांवों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है, जहाँ लोगों की पहचान और सुविधाओं की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है।
Sheikpura : दुर्गा पूजा 2025: इन रास्तों से जाएं वाहन, ट्रैफिक जाम से बचें!
इस पूरे मामले ने यह साबित कर दिया कि जब जनता की आवाज और स्थानीय नेतृत्व एक साथ काम करते हैं, तो प्रशासनिक निर्णय जल्दी और प्रभावी ढंग से लागू किए जा सकते हैं। नरसिंहपुर के लोगों के लिए अब रेलवे हॉल्ट केवल एक नाम नहीं, बल्कि गांव की असली पहचान का प्रतीक बन गया है।