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बंगाल में हिंसा पर विहिप ने डीएम को सौंपा ज्ञापन

विश्व हिंदू परिषद शेखपुरा जिला इकाई ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में बंगाल को हिंसा की आग में झोंका जा रहा है। हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। राष्ट्रविरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को खुली छूट दी जा रही है। मुर्शिदाबाद से शुरू हुई हिंसा अब पूरे बंगाल में फैल चुकी है। सरकारी तंत्र दंगाइयों के सामने निष्क्रिय हो गया है। कई जगहों पर प्रशासन उनकी मदद करता दिख रहा है।

विश्व हिंदू परिषद शेखपुरा जिला इकाई ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में बंगाल को हिंसा की आग में झोंका जा रहा है। हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। राष्ट्रविरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को खुली छूट दी जा रही है। मुर्शिदाबाद से शुरू हुई हिंसा अब पूरे बंगाल में फैल चुकी है। सरकारी तंत्र दंगाइयों के सामने निष्क्रिय हो गया है। कई जगहों पर प्रशासन उनकी मदद करता दिख रहा है।

ज्ञापन में कहा गया कि 11 अप्रैल 2025 को मुस्लिम भीड़ ने वक्फ कानून के विरोध के नाम पर हिंसक प्रदर्शन किया। यह हमला सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि हिंदुओं पर था। जबकि हिंदू समाज का इस कानून से कोई लेना-देना नहीं था। यह पूरी तरह संवैधानिक प्रक्रिया थी। इसका असली मकसद मुर्शिदाबाद को हिंदूविहीन बनाना था।

इस हिंसा में 200 से ज्यादा हिंदुओं के घर और दुकानें जलाई गईं। सैकड़ों लोग घायल हुए। तीन नागरिकों की हत्या कर दी गई। दर्जनों महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ। 500 से ज्यादा हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा। ममता बनर्जी पीड़ितों से मिलने की बजाय दंगा भड़काने वाले इमामों से मिल रही हैं। इनमें से एक इमाम ने धमकी दी थी कि अगर ममता ने साथ नहीं दिया तो वह उनकी औकात बता देगा।

ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि ममता बनर्जी अब शरणार्थियों को वापस जिहादियों के हवाले करने की साजिश कर रही हैं। बंगाल की स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है। ममता सरकार भारत के संघीय ढांचे को तोड़ने पर तुली है। बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को बेरोकटोक आने दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बन रहे हैं। पाकिस्तानी और बांग्लादेशी आतंकी संगठन सक्रिय हो गए हैं। हिंदू त्योहारों को मनाने के लिए कोर्ट की अनुमति लेनी पड़ रही है। अर्धसैनिक बलों पर हमले हो रहे हैं।

ज्ञापन में कहा गया कि कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। प्रशासन तृणमूल के असामाजिक तत्वों और जिहादी गुंडों के इशारे पर काम कर रहा है। हिंसा अब पूरे बंगाल में फैल रही है। यह सिर्फ बंगाल तक सीमित नहीं रहेगी।

विहिप ने मांग कि बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। हिंसा की जांच एनआईए से कराई जाए। दोषियों को सजा दी जाए। कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंपा जाए। बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर किया जाए। बंगाल और बांग्लादेश की 450 किलोमीटर सीमा पर तारबंदी का काम तुरंत शुरू किया जाए, जिसे ममता सरकार ने रोका हुआ है।

ज्ञापन पर जिला अध्यक्ष महेश्वर प्रसाद, जिला मंत्री मधुसूदन यादव, जिला उपाध्यक्ष युगल बाबा, सामाजिक समरसता प्रमुख अरविंद कुमार हरिओम, सदस्य अंकुर कुमार, उपाध्यक्ष ललन पांडेय और अरुण भगत शामिल रहे।

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