मई दिवस पर मजदूरों ने फहराया लाल झंडा, फासीवाद के खिलाफ लिया संघर्ष का संकल्प
सीपीआई के ज़िला सचिव प्रभात कुमार पांडेय ने कहा कि मई दिवस को केवल ‘आठ घंटे काम’ की मांग तक सीमित करना गलत है। उन्होंने इसे पूंजीवाद और साम्राज्यवाद के खिलाफ मानवता की मुक्ति का दिन बताया। पांडेय ने कहा कि संविधान, अदालत और चुनाव का सहारा लेकर मजदूरों को असली क्रांति की राह से भटकाया जा रहा है।

शेखपुरा में मई दिवस के अवसर पर ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) के ज़िला कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता चंद्रभूषण प्रसाद ने लाल झंडा फहराकर संकल्प सभा की शुरुआत की।
इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया तंजीम इंसाफ के राज्य महासचिव इरफान अहमद फातिमी ने कहा कि बीसवीं सदी में मजदूर वर्ग के नेतृत्व में ही फासीवाद को शिकस्त दी गई थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि सोवियत संघ में मजदूरों की सत्ता और बोल्शेविक पार्टी के नेतृत्व में हिटलर व मुसोलिनी को हराया गया। फातिमी ने अमेरिकी साम्राज्यवाद पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह आज भी फासीवाद का मुख्य संरक्षक है।
फातिमी ने आगाह किया कि आज भारत समेत दुनिया भर में फासीवादी ताकतें फिर से उभर रही हैं, जिनका मुकाबला केवल मजदूर वर्ग के नेतृत्व और संघर्ष से ही संभव है।
सभा में यह भी मांग उठी कि पूरे देश में मेहनतकशों को संगठित कर शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ निर्णायक संघर्ष छेड़ा जाए।
संकल्प सभा में AITUC और AIYF के पदाधिकारी, किसान, मजदूर और कई सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए।