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भागलपुर में ज़मीन घोटाला! फर्जी दस्तावेज़ से जमाबंदी, असली मालिक हैरान

भागलपुर के कहलगांव में फर्जी दस्तावेज़ के आधार पर ज़मीन की जमाबंदी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। असली भूस्वामियों ने मंत्री से मिलकर जांच और कार्रवाई की मांग की है। मामला प्रशासनिक मिलीभगत की ओर इशारा करता है।

भागलपुर। राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद भूमि संबंधित फर्जीवाड़े पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ताज़ा मामला भागलपुर जिले के कहलगांव अंचल के श्यामपुर गांव से सामने आया है, जहां बिना रजिस्ट्री के ही एक जमीन पर फर्जी सेल डीड के आधार पर जमाबंदी कर दी गई।

श्यामपुर निवासी दिलीप कुमार मुखर्जी और प्रदीप कुमार मुखर्जी के नाम से एक फर्जी केवाला (सेल डीड संख्या 1144, दिनांक 9/5/1995) तैयार कर किशुन साह नामक व्यक्ति के नाम पर म्यूटेशन केस संख्या 5336 आर 27/2023-24 में जमाबंदी करा दी गई। जबकि असली सेल डीड वर्ष 1995 की है, जिसमें बालेश्वर मंडल द्वारा मौजा रामासी की भूमि मोसमात सतिया देवी के नाम निष्पादित की गई थी।

इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब असली जमीन मालिकों को म्यूटेशन की जानकारी मिली। उन्होंने केस की नकल निकालकर देखा तो मामला सामने आया। उन्होंने कहलगांव थाना में एफआईआर संख्या 196/2025 दर्ज कराई, लेकिन अभी तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

2 जुलाई को आरोपितों ने हथियार के बल पर खेत में जबरन जुताई भी कर ली, जिससे भूमि मालिकों में दहशत है। पीड़ित प्रदीप मुखर्जी ने मंगलवार को पुराना सचिवालय स्थित राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी से मिलकर आवेदन सौंपा। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच और आरोपितों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

मंत्री सरावगी ने मामले को गंभीर बताते हुए त्वरित जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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