एजुकेशन
Trending

पुण्यतिथि पर याद किए गए रामधारी सिंह दिनकर,शिक्षक व बच्चों ने किया श्रद्धा सुमन अर्पित

विद्यालय के शिक्षक आचार्य गोपाल जी ने कहा कि दिनकर जी इस विद्यालय के संस्थापक प्रधानाध्यापक रहे। उस समय विद्यालय का नाम एच ई स्कूल बरबीघा था। उन्होंने अपनी आजीविका की शुरुआत यहीं से की। इतिहास के विद्यार्थी होते हुए भी उन्होंने हिंदी साहित्य में बड़ा योगदान दिया। 'हिमालय' और 'हुंकार' की ड्राफ्टिंग उन्होंने इसी विद्यालय में की थी।

प्लस टू उच्च विद्यालय बरबीघा में दिनकर जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा हुई। बच्चों ने दिनकर जी की तस्वीर के साथ नारे लगाए। शिक्षकों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद बच्चों को दिनकर जी के जीवन और योगदान के बारे में बताया गया।

शिक्षक राजीव कुमार ने कहा कि बरबीघा की धरती रत्नगर्भा है। दिनकर जी जैसे महापुरुष ने इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद को सुशोभित किया, यह गर्व की बात है।

प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार ने कहा कि हमें दिनकर जी के पथ का अनुसरण करना चाहिए। विद्यालय की मर्यादा और प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए अनुशासित रहकर अच्छे कार्य करने चाहिए।

उन्होंने बताया कि इस विद्यालय का सौभाग्य रहा है कि दिनकर जी के समय से ही साहित्यकार शिक्षक यहां सेवा देते रहे हैं। डॉक्टर कमलेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव, डॉक्टर विकास कुमार, डॉक्टर सुखेंदु कुमार और आचार्य गोपाल जी ने साहित्य में अपनी अलग पहचान बनाई है। इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। यह विद्यालय के लिए गौरव की बात है।

आचार्य गोपाल जी ने बच्चों के बीच ‘रश्मिरथी’ के तृतीय सर्ग का पाठ किया। बच्चों ने भी दिनकर जी की कविताओं का काव्य पाठ किया।

कार्यक्रम का संचालन आचार्य गोपाल जी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन राजीव कुमार ने किया। इस अवसर पर प्राचार्य संजय कुमार, शिक्षक राजीव कुमार, आचार्य गोपाल जी, अमरेंद्र प्रसाद, प्रभात कुमार, रमन प्रसाद सिंह, प्रवीण कुमार, परिचारी रामानंद कुमार, प्रभात कुमार, रूणा कुमारी, रात्रि प्रहरी विजय कुमार, प्रशिक्षु शिक्षक शंकर सुमन, अली सोगरा, नाज स्मृति सहित कई लोग मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
23:53