लखीसराय में कवि सम्मेलन में गूंजी देशभक्ति की कविताएं
रिपोर्ट : मुरारी कुमार - लखीसराय में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में देशभक्ति, सामाजिक और समकालीन विषयों पर कवियों ने भावपूर्ण रचनाएं प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम में साहित्यप्रेमियों की बड़ी भागीदारी रही।

लखीसराय शहर के प्रभात चौक स्थित होटल भारती के सभागार में रविवार को जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन, लखीसराय की ओर से भव्य कवि सम्मेलन और मासिक बैठक का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामबालक सिंह ने की। मंच संचालन वरिष्ठ कवि देवेंद्र सिंह ‘आजाद’ ने किया।
सम्मेलन में देशभक्ति, सामाजिक समस्याएं, राजनीति, पर्यावरण और नारी सशक्तिकरण जैसे विषयों पर कविताएं प्रस्तुत की गईं। श्रोताओं ने कविताओं को सराहा। जिले भर से साहित्यप्रेमी, रचनाकार और आमजन बड़ी संख्या में पहुंचे।
अंकित सिंह वत्स ने “नीलांबर बदरा घिर कारी…” सुनाकर तालियां बटोरीं। मुंद्रिका सिंह ने “सोफिया तुझे भारत करता सलाम…” सुनाई। दशरथ महतो ने “भोजन की थाली में ज़हर कहां से आया…” से सामाजिक चिंता जताई। राजेश्वरी प्र सिंह ने “हिंदी पर निष्पक्ष भाव लहराने दो…” सुनाई। बलजीत कुमार ने “इंसान कम, गिद्ध ज्यादा दिखाई देते हैं…” से समाज की स्थिति पर कटाक्ष किया।
कार्यक्रम में “नवलकंड” पत्रिका के प्रधान संपादक अरविंद कुमार भारती और संपादक राजेश्वरी प्रसाद सिंह ने कवियों से रचनाएं आमंत्रित कीं। आगामी अंक के प्रकाशन की घोषणा की गई। कार्यक्रम के अंत में जिला संगठन मंत्री अरविंद कुमार भारती ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
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