सदर अस्पताल में पानी का संकट, बंद पड़ीं सभी आरओ मशीनें
स्टाफ को शुद्ध पानी देने में नाकाम साबित हो रहा है। गर्मी की शुरुआत में जिला प्रशासन ने सभी सरकारी संस्थानों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद अस्पताल परिसर में लगे चार में से दो चापाकलों की मरम्मत कराई गई। इससे थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन मौजूदा भीड़ और जरूरत के हिसाब से यह व्यवस्था नाकाफी है।

जिले के सबसे बड़े सदर अस्पताल में पेयजल संकट गहरा गया है। गर्मी के इस मौसम में मरीजों और उनके परिजनों को शुद्ध पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। अस्पताल परिसर में लगी आधा दर्जन से ज्यादा आरओ मशीनें बंद पड़ी हैं। मरीज और उनके परिजन चापाकल से प्यास बुझा रहे हैं। डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी बोतलबंद पानी या 20 लीटर वाले जार का इस्तेमाल कर रहे हैं।
अस्पताल में 100 से 200 लीटर क्षमता वाले कोल्ड वॉटर आरओ सिस्टम लगे हैं। इनकी मरम्मत नहीं होने से ये पूरी तरह बंद हैं। वार्डों में लगे 10 से 15 लीटर क्षमता वाले छोटे आरओ सिस्टम भी कई महीनों से खराब हैं। अस्पताल प्रशासन मरीजों और
वार्ड इंचार्ज का कहना है कि सभी बंद आरओ मशीनों की मरम्मत की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जल्द ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी। दूसरी ओर, मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि प्रशासन को इस मामले को प्राथमिकता में लेकर तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए। गर्मी में अस्पताल आने वाले लोगों को राहत मिलनी जरूरी है।