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Politics : क्या चुनाव में हुआ है वोटों का बड़ा खेल? राहुल गांधी के आरोप से हिल गया पूरा सिस्टम?

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कर्नाटक की महादेवपुरा सीट पर 1 लाख से अधिक वोट चोरी हुए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने डुप्लीकेट वोटर, फर्जी पते और वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों का खुलासा किया। चुनाव आयोग ने आरोपों को गुमराह करने वाला बताया है।

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव में गड़बड़ी की। राहुल ने 1 घंटे 11 मिनट का 22 पेज का प्रजेंटेशन दिया। स्क्रीन पर लिखा था- वोट हैज बीन डेस्ट्रॉयड। बाईं ओर तीनों चुनाव आयुक्तों की तस्वीरें थीं, दाईं ओर नरेंद्र मोदी और अमित शाह की।

राहुल ने कहा कि कर्नाटक की महादेवपुरा सीट पर 6.5 लाख वोट में से 1 लाख वोट चोरी हुए। कांग्रेस की जांच में पता चला कि एक ही पते पर कई वोटर, फर्जी पते और डुप्लीकेट वोटर मिले। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर कांग्रेस को 6,26,208 वोट मिले, भाजपा को 6,58,915 वोट। अंतर 32,707 वोटों का था। वहीं महादेवपुरा सीट पर दोनों दलों के बीच अंतर 1,14,046 वोटों का रहा। इससे साफ है कि 1 लाख से ज्यादा वोट चोरी हुए।

राहुल ने पांच तरीकों से वोट चोरी का दावा किया। पहला- डुप्लीकेट वोटर, जिनकी संख्या 11,965 बताई। दूसरा- फर्जी पते वाले 40,009 वोटर। तीसरा- एक पते पर कई वोटर, जैसे एक घर में 80 वोटर। चौथा- अवैध फोटो वाले 4,132 वोटर। पांचवां- फॉर्म-6 से फर्जीवाड़ा, जिसमें शकुन रानी नाम की महिला ने एक महीने में दो बार फॉर्म भरा।

राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र में 40 लाख फर्जी वोटर जोड़े गए। पांच महीने में लाखों नाम जुड़ना चिंताजनक है। शाम 5 बजे के बाद अचानक वोटिंग बढ़ी, यह भी संदेह पैदा करता है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए कि वोटर लिस्ट सही है या नहीं। कांग्रेस ने आयोग से कई बार सवाल पूछे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए भी राहुल ने वोटर लिस्ट की गड़बड़ी को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग वोटर डेटा नहीं देता, जिससे जांच मुश्किल होती है। राहुल ने बताया कि 6 महीने में लाखों कागज खंगाले गए। अगर इन कागजों को एक जगह रखा जाए तो 7 फीट ऊंचा ढेर बन जाएगा। आयोग ने जानबूझकर मशीन से न पढ़े जाने वाले दस्तावेज दिए।

कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राहुल को पत्र भेजा। कहा कि अगर वे मतदाता सूची पर सवाल उठा रहे हैं तो नियम 20(3)(b) के तहत शपथ पत्र दें। संदिग्ध वोटरों के नाम लिखित में दें ताकि जांच हो सके। चुनाव आयोग ने राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस को गुमराह करने वाला बताया और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया।

राहुल ने पहले भी चुनाव आयोग पर आरोप लगाए थे। 24 जुलाई को कहा था- एक ही सीट पर हजारों नए वोटर जोड़े गए, जबकि 18 साल से ऊपर के वोटर हटाए गए। 1 अगस्त को बोले- मेरे पास 100% सबूत हैं कि भाजपा के लिए वोट चुराए गए। 2 अगस्त को कहा- चुनाव आयोग जैसी संस्था का अस्तित्व खत्म हो गया है। आयोग जो दस्तावेज देता है, उन्हें स्कैन या कॉपी नहीं किया जा सकता।

चुनाव आयोग ने 2 अगस्त को राहुल को 24 जून का पत्र जारी किया। लिखा कि कांग्रेस ने नवंबर 2024 के चुनाव के बाद भी ऐसे आरोप लगाए थे, जिनका जवाब 24 दिसंबर 2024 को दिया गया। आयोग ने कहा कि चुनाव पारदर्शिता से हुए। अगर कांग्रेस को आपत्ति थी तो कोर्ट जा सकती थी। आयोग ने राहुल को मिलने का समय तय करने का सुझाव भी दिया।

बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर भी विपक्ष हमलावर है। 1 अगस्त को जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब 7.24 करोड़ वोटर हैं। पहले यह संख्या 7.89 करोड़ थी। यानी 65 लाख नाम हटाए गए। इनमें 22 लाख मृत, 36 लाख स्थानांतरित और 7 लाख नए स्थान पर बस चुके लोग शामिल हैं।

यह विशेष अभियान 24 जून 2025 को शुरू हुआ था। इसका मकसद फर्जी, दोहराए गए और स्थानांतरित वोटरों को हटाना और नए योग्य वोटरों को जोड़ना था। पहले चरण में 99.8% कवरेज हासिल की गई।

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